एग्रीकल्चर मशीनरी सब्सिडी : ऑन डिमांड कृषि यंत्र लेेने हेतु किसान कर सकते
हैं आवेदन
खेतीबाड़ी और बागवानी में कृषि यंत्रों की अहम भूमिका
है। कृषि कार्यों को कम श्रम और समय में करने और उत्पादन को बढ़ाने में ये कृषि
यंत्र काफी मददगार होते हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि आधुनिक खेती के लिए कई
प्रकार के कृषि यंत्रों का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें से कुछ यंत्र ऐसे होते
हैं जिनकी मांग कम रहती है और इसी कारण सरकार की ओर से इन पर अनुदान नहीं दिया
जाता है, क्योंकि
ऐेसे यंत्रों की किसी क्षेत्र विशेष के अनुसार विशेष कार्यांे के लिए किसान
आवश्यकता होती है। लेकिन मध्यप्रदेश सरकार ऐसे कृषि यंत्रों पर भी किसान को
सब्सिडी का लाभ प्रदान कर रही है। किसान मांग के अनुसार सब्सिडी पर इन कृषि
यंत्रों के लिए आवेदन कर सकते हैं। जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य
के सभी जिलों के किसानों से सात अलग-अलग प्रकार के कृषि यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ
प्रदान करने के लिए किसानों से आवेदन आमंत्रित किए है। इन सभी कृषि यंत्रों के लिए
तिथि या लक्ष्य का निर्धारण नहीं किया गया है। राज्य के सभी जिलों के इच्छुक किसान
इन सभी कृषि यंत्रों के लिए जिले में आवेदन कर सकते हैं।
इन सात कृषि यंत्रों पर मिलेगा सब्सिडी का लाभ
मध्यप्रदेश सरकार की ओर से प्रदेश के सभी जिलों के लिए
किसान के मांग के अनुसार विभिन्न प्रकार के सब्सिडी पर दिए जा रहे हैं। ये कृषि
यंत्र इस प्रकार है-
पशु निवारक बायो अकास्टिक यंत्र
पशु निवारक बायो अकॉस्टिक यंत्र एक ऐसा यंत्र है, जो जानवरों
और पक्षियों को उन्हीं की भाषा में डराता है। इस यंत्र में विभिन्न पक्षियों और
जानवरों की आवाजें रिकार्ड की हुई होती है जिनसे जानवर और पक्षी डर कर खेत से भाग
जाते हैं। पशु निवारक बायो अकॉस्टिक यंत्र कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय म.प्र.
द्वारा ऑन डिमांड पर अनुदान में उपलब्ध कराया जा रहा है। जिस जिले से मांग आएगी उस
जिले को तुरंत लक्ष्य आबंटित कर दिया जाएगा। बता दें कि ये यंत्र 22 प्रकार के
जानवरों व पक्षियों खेत से दूर रखने में सफल पाया गया है। ये यंत्र सोलर एनर्जी, बिजली अथवा
बैटरी चलित है। इसकी बैटरी बैकअप 10 से 12 घंटे होती
है। ये खेत के 7 से 10 एकड़ तक का
क्षेत्र कवर करता है।
पावर हैरो
इस मशीन की सहायता से किसान फसल कटाई के बाद और धान की
बुवाई से पहले खेत में खरपतवार के छोटे-छोटे टुकड़ों को मिट्टी में दबा सकते हैं।
इस तरह खेत समतल हो जाता है जिससे धान की पैदावार अच्छी प्राप्त होती है, साथ ही फसल
में भी तेजी से विकास होता है। इस मशीन को बैल और ट्रैक्टर, दोनों की
मदद से चलाया जा सकता है। पावर हैरो मिट्टी के गहराई से जुताई कर एक ही बार में
उसे भुरभुरा बनाकर ही बाहर निकालता है। इस तरह किसान का समय और पैसा, दोनों ही
बचता है।
हैप्पी सीडरसुपर सीडर
धान की कटाई के बाद हैप्पी से गेहूं की बिजाई कर सकते
हैं। हैप्पी सीडर से गेहूं की बिजाई करने पर दो से तीन क्विंटल तक प्रति एकड़ पैदावार
को बढ़ाया जा सकता है और इसमें खर्चा भी कम आता है।
बेलर
यह बेलर मशीन खेतों की पराली को खुद से काटकर उसके रोल
बना देती है और एक दिन में करीब 60 से 70 एकड़ रकबे
की पराली का निपटारा कर सकती है। बता दें कि राली जलाने से केवल वायु प्रदूषण ही
नहीं होता बल्कि जमीन में नाइट्रोजन, फास्फोरस, सल्फर एवं पौटेशियम जैसे पोषक तत्वों के अलावा जमीन की
उर्वरता भी कम हो जाती है। इससे किसान खेतों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए रासायनिक
उर्वरक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। इससे उनकी लागत भी बढ़ती है। ऐसे
में बेलर मशीन किसानों की इस परेशानी से छुटकारा दिला सकती है।
हे रेक
यह खेती क्षेत्र पर अच्छा काम करता है हाय रेक खेती को
उपजाऊ बनाता है। अधिकांशत: हे रेक की इम्प्लीमेंट पावर 25-35 एचपी होती
है। जिससे ईंधन कुशल कार्य प्रदान करता है।
बैकहो ट्रैक्टर चलित ( 35 एचपी से अधिक ट्रैक्टर हेतु )
इसे बैकेहो लोडर कहा जाता है। यह दोनों तरह से काम
करती है और इसे चलाने का तरीका भी काफी अलग होता है। इसे स्टेरिंग के बजाय लीवर्स
के माध्यम से हैंडल किया जाता है। इसमें एक साइड के लिए स्टेयरिंग लगी होती है, जबकि दूसरी
तरफ क्रेन की तरह लीवर लगे होते हैं। इस मशीन में एक तरफ लोडर लगा होता है, जो बड़ा
वाला हिस्सा होता है। इससे कोई भी सामान उठाया जाता है, जिसे कहीं
काफी मिट्टी पड़ी है तो उसका इस्तेमाल किया जाएगा। प्रदेश सरकार की ओर से 35 एचपी
ट्रैक्टर के लिए बैक हो पर सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
न्यूमेटिक प्लांटर
ट्रैक्टर आधारित प्लान्टर है जिसमें ट्रैक्टर की पी.
टी. ओं. चलित सेंट्रीफ्युगल ब्लोअर लगा होती है जिसके द्वारा आवश्यक हवा का प्रेशर
बना कर मीटरिंग पद्धति से बीजों को उठाकर गिराया जाता है। इससे पूर्व- निर्धारित
पॅक्ति की दूरी पर एक-एक बीज की बुवाई की जा सकती है।
इन कृषि यंत्रों पर कितनी मिलेगी सब्सिडी
मध्यप्रदेश में अलग-अलग वर्ग के किसानों के लिए
विभीन्न योजनाओं के तहत 40 से 50 प्रतिशत तक
का अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। इच्छुक किसान योजना से सम्बंधित अधिक जानकारी
के लिए अपने जिले के सहायक कृषि यंत्री कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
उपरोक्त कृषि यंत्रों पर सब्सिडी लेने हेतु कहां करें आवेदन
ऊपर दिए हुए कृषि यंत्रों के लिए
किसान ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। किसान इसके लिए अपने जिले के सहायक कृषि यंत्री
कार्यालय में संपर्क करके अपने आवेदन पर कार्यवाही करा सकते है। इन यंत्रों हेतु
जिलेवार लक्ष्यों की आवश्यकता नहीं होगी। कृषक की मांग अनुसार लक्ष्य तत्काल
आवंटित कर दिया जाएगा।
कृषि यंत्रों पर सब्सिडी प्राप्त करने हेतु आवश्यक दस्तावेज (Agricultural Machines Subsidy )
उपरोक्त बताए गए कृषि यंत्रों पर सब्सिडी के लिए
किसानों को आनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के लिए किसानों के पास कुछ महत्वपूर्ण
दस्तावेज होना जरूरी है। वे इस प्रकार से हैं-
- आवेदन करने वाले किसान के आधार
कार्ड की प्रति
- सक्षम अधिकारी द्वारा जारी जाति
प्रमाण पत्र ( केवल अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषिक हेतु)
- भूमि के लिए बी-1,
- ट्रेक्टर चालित यंत्रों के लिए
ट्रेक्टर की आरसी
- आवेदक का मोबाइल नंबर
- बैंक अकाउंट पासबुक की प्रथम पेज की कॉपी
0 Comments